लोकसभा चुनाव की वजह से 2019 में दो बार बजट पेश किया गया. लेकिन दोनों बार के बजट में रोजगार बढ़ाने को लेकर जिन बड़े ऐलानों की उम्मीद थी वो नहीं दिखी. जो सरकार, हर साल दो करोड़ रोजगार पैदा करने का वादा करके सत्ता में आई थी, वह पकौड़ा तल कर रोजगार बढ़ाने के उपाय सुझाने से लेकर ईपीएफओ के आंकड़े दिखा कर अपना बचाव करती नजर आई. इस बीच, जीडीपी ग्रोथ के लगातार भरभरा कर गिरने की वजह से वह तमाम ताकत लगा कर भी इस मोर्चे पर अपना बचाव करने में नाकाम दिखी.
